क्रिकेट जगत में खिलाड़ियों को उनके खेल ने वो सबकुछ दिया जिसका उन्होंने संपना संजोया था।
एक क्रिकेटर को इंटरनेशनल क्रिकेट में आने के बाद पैसा और शोहरत सबकुछ मिला। नाम और पैसा खूब मिला तो वहीं उनके प्रदर्शन से क्रिकेट जगत में उन्हें खास स्थान दिलाया। एक बार क्रिकेट में एन्ट्री करने के बाद तो खिलाड़ियों पर खूब पैसा बरसता है। मौजूदा समय में क्रिकेट ने क्रिकेटरों को मालामाल कर दिया है।
कई ऐसे क्रिकेटर रहे हैं जिन्होंने गरीबी में अपने खेल का आगाज किया लेकिन अब वो पैसों से भरे पड़े हैं। ये तो एक नियम है कि क्रिकेट ने खिलाड़ियों को गरीबी से भी अमीरी तक पहुंचाया है। लेकिन आज हम आपके सामने उन खिलाड़ियों की बात करते हैं जिन्होंने क्रिकेट के दम पर अमीरी को हासिल किया लेकिन वो इतने ज्यादा गरीब हो चले कि आज एक एक पैसे के मोहताज है। तो बात करते हैं उन 5 खिलाड़ियों की जो बने अमीर से गरीब-
अरशद खान
पाकिस्तान क्रिकेट टीम में एक से एक स्पिन गेंदबाज रहे हैं। इन्हीं स्पिन गेंदबाजों में साल 1997-99 में उन्हें अरशद खान नाम के एक स्पिन गेंदबाज मिले। अरशद खान ने पाकिस्तान के लिए 2006 तक खेलना जारी रखा इस दौरान उन्हें 9 टेस्ट और 58 वनडे मैच खेलने में सफलता मिली।
अरशद खान ने पाकिस्तान के लिए खेलते हुए काफी पैसा भी कमाया। क्रिकेट खेलने के दौरान तो अरशद खान को पैसों की कोई कमी नहीं रही लेकिन जब क्रिकेट छोड़ा तो उनके लिए परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया। इसी कारण से वो ऑस्ट्रेलिया में जा बसे जहां सिडनी में टेक्सी चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं।
एडम हॉलियोक
क्रिकेट खेलने के दौरान ऐसे कई खिलाड़ी रहे हैं जिनको पैसों के मामले में कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन क्रिकेट से विदा लेने के बाद कई ऐसे खिलाड़ी रहे जिनको आर्थिक रूप से काफी परेशान होना पड़ा। इस मामले में इंग्लैंड के पूर्व ऑलराउंडर एडम हॉलियोक को भी शामिल होना पड़ा।
इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेलने वाले एडम हॉलियोक का जन्म ऑस्ट्रेलिया में हुआ था। इंग्लैंड के लिए हॉलियोक ने इंग्लैंड के लिए कुछ साल क्रिकेट खेला और अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से काफी प्रभावित किया। हॉलियोक को इंग्लैंड के लिए 2007 में आखिरी बार खेलने का मौका मिला जिसके बाद उनके सामने पैसों की तंगी आ गई। इसी कारण से मिक्स्ड मार्शल आर्ट में काम कर पैसा कमाने पर मजबूर होना पड़ा।
मैथ्यू सिंक्लेयर
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज मैथ्यू सिंक्लेयर एक जबरदस्त बल्लेबाज रहे हैं। मैथ्यू सिंक्लेयर का टेस्ट क्रिकेट डेब्यू बहुत ही प्रभावशाली रहा। मैथ्यू सिंक्लेयर ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में दोहरा शतक जड़ा था। जिसके बाद वो कई साल तक न्यूजीलैंड के लिए खेलने में कामयाब रहे।
कुछ सालों में वो न्यूजीलैंड की टीम से प्रदर्शन में अस्थितरता के कारण अंदर-बाहर होते रहे और साल 2013 में उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। इसके बाद उनके सामने परिवार चलाने का संकट आ गया। उन्होंने कुछ समय में नौकरी की और कई नौकरी करने के बाद फिलहाल वो रियल स्टेट कंपनी में काम करते हैं।
क्रिस क्रेर्न्स
न्यूजीलैंड क्रिकेट इतिहास में रिचर्ड हेडली के रूप में महान ऑलराउंडर हुए। रिचर्ड हेडली के बाद न्यूजीलैंड को एक अच्छे ऑलराउंडर की तलाश थी जिसे पूर्व क्रिकेटर क्रिस क्रेर्न्स ने पूरा किया। क्रिस क्रेर्न्स न्यूजीलैंड के लिए एक जबरदस्त ऑलराउंडर रहे जिनका तूती पूरे क्रिकेट जगत में बोलती थी।
क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद क्रिस केर्न्स ने डायमंड व्यापारी के रूम में काम किया लेकिन वहां उन्हें काफी घाटा उठाना पड़ा। इसके बाद तो केर्न्स के सामने परिवार को चलाने की मुश्किलें खड़ी हो गई जिसके बाद उन्होंने ट्रक धोने और ट्रक ड्राइवर के रूप में काम किया और परिवार को गुजारा किया।
जनार्धन नावले
भारतीय क्रिकेट पिछले काफी सालों से काफी अमीर रहा है। यहां पर क्रिकेटरों पर बोर्ड खूब मेहरबान रहना है और क्रिकेटरों पर जमकर पैसा बरसाया जाता है। लेकिन जब भारत के क्रिकेट की शुरुआत हुई थी तब पैसों के मामले में क्रिकेटर्स को ज्यादा कुछ खास नहीं मिलता था।
भारत ने अपने इंटरनेशनल इतिहास की शुरुआत साल 1932 में की इस मैच में विकेटकीपर के रूप में काम करने वाले जनार्धन नावले को वैसे शायद ही कोई जानता है। लेकिन इनके करियर के खत्म होने के बाद आर्थिक रूप से काफी संघर्ष करना पड़ा। जनार्धन को पुणे में एक चीनी मील पर चौकिदार का काम करना पड़ा।