इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गये पहले टेस्ट में जहां न्यूजीलैंड के बड़े नाम कुछ खास कमाल नहीं कर पाए|
वहीं टेस्ट पदार्पण करने वाले डेवोन कॉनवे ने इतिहास रच दिया। कॉनवे ने डेब्यू टेस्ट में न केवल शतक लगाया बल्कि इससे भी आगे निकलते हुए दोहरा शतक जमा दिया। उन्होंने 347 गेंदों का सामना करते हुए 200 रन बनाए। वे पहले ही टेस्ट में शतक लगाने वाले कीवी टीम के 12वें और दोहरा शतक लगाने वाले दूसरे कीवी बल्लेबाज बने।
भारत के लिए 15 खिलाड़ियों ने लगाया डेब्यू टेस्ट में शतक
भारतीय टीम की तरफ से डेब्यू टेस्ट में शतक लगाने वाले खिलाड़ियों की बात करे तो इस लिस्ट में 15 खिलाड़ी शामिल है। भारत के लिए टेस्ट में डेब्यू करते हुए सबसे पहला शतक लाला अमरनाथ ने लगाया था। 1933 में इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई में उन्होंने अपना पहला टेस्ट खेला था। जहां उनके बल्ले से 118 रनों की शतकीय आई थी।
लॉर्ड्स में डेब्यू टेस्ट में शतक लगाने वाले एकमात्र भारतीय
बाएं हाथ के दिग्गज बल्लेबाज सौरव गांगुली विश्व के उन गिने-चुने खिलाड़ियों में शामिल हैं। जिन्होंने लॉर्ड्स के मैदान पर टेस्ट पदार्पण करते हुए सैकड़ा जमाया। बात 1996 की है जब गांगुली ने इंग्लैंड के विरुद्ध के लॉर्ड्स में टेस्ट जीवन का पहला मैच खेला था।
नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 131 रन बनाए थे। इसी मैच में भारत की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ ने भी टेस्ट में डेब्यू किया था। लेकिन वे महज 5 रनों से शतक लगाने से चूक गए थे। तब 95 रन बनाकर उनको पवेलियन वापस लौटना पड़ा था।
डेब्यू टेस्ट में भारतीय बल्लेबाज के द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर
डेब्यू टेस्ट में सबसे बड़ा भारतीय स्कोर शिखर धवन के नाम पर दर्ज है। साल 2013 में धवन ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध अपने टेस्ट जीवन का आगाज किया था। तब उनको ओपनर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए धवन ने केवल 85 गेंद में धुआंधार शतक लगा दिया। वे यही नहीं रुके और देखते ही देखते 131 गेंदों में 150 का आंकड़ा पार कर गए।
धवन डेब्यू टेस्ट में दोहरा शतक लगाने के काफी करीब आ गए थे। लेकिन वे इस ऐतिहासिक पल से 13 रन से चूक गए। उनको 187 के निजी स्कोर पर वापस जाना पड़ा। अझरुदीन ने डेब्यू करते हुए लगातार तीन मैच में शतक ठोका थे। इनका यह रिकॉर्ड 37 साल से अटूट है।
(साभर-एककप क्रिकेट)