सलमान खान को क्रिकेटर बनाना चाहते थे पिता सलीम खान, इंटरव्यू में अरबाज को लेकर भी कही थी बड़ी बात

सलमान खान भले ही बॉलीवुड के दबंग हों, लेकिन बचपन में उनके पिता सलीम खान उन्हें क्रिकेटर बनाना चाहते थे। यह बात प्रसिद्ध स्क्रिप्ट राइटर सलीम खान ने एक हिंदी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में खुद बताई थी। उस इंटरव्यू में उनके साथ सलमान खान भी मौजूद थे। उस समय सलमान खान की फिल्म भारत (Bharat) रिलीज होने वाली थी। ‘भारत’ का प्लाट भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय को लेकर थी।

इंटरव्यू के दौरान सलीम खान से पूछा गया था कि क्या आपको परिवार खासकर अपने बेटों (सलमान खान, अरबाज खान और सोहेल खान) के साथ क्रिकेट मैच को देखने को मौका मिलता है। इस पर सलीम खान ने कहा, ‘वही एक बहुत बड़ा एंटरटेनमेंट है। हर किसी को क्रिकेट में इंटरेस्ट है। हमारे घर में एक हैं क्रिकेट के बहुत बड़े फैन अरबाज खान। हालांकि, उनके अब तक जितने भी प्रेडिक्शन आए हैं, सब गलत हुए हैं।’

घर में कौन क्रिकेट का सबसे बड़ा एक्सपर्ट है, के सवाल पर सलीम खान ने कहा, ‘यह ज्ञान और सूचना के बीच अंतर जैसा मामला है। अरबाज के पास सूचना ज्यादा है, मुझे नॉलेज ज्यादा है।’ इसके बाद सलीम खान ने कहा, ‘मुझे हमेशा से लगता था कि मेरा कोई न कोई बेटा क्रिकेटर जरूर बने। एक तरह से यह मेरा शौक था।’ ॉ

उन्होंने कहा, ‘मैं भी क्रिकेट खेलता था। हालांकि, मेरा ख्वाब तो पूरा नहीं हुआ, लेकिन बच्चों को मैंने क्रिकेट में लगाना शुरू किया। अरबाज को भी खार जिमखाना लेकर गया। उसी जमाने में अरबाज को गाने का शौक चढ़ा, तो उसके लिए एक मास्टर रखा। वह मास्टर साहब नाक में गाते थे। यह उसको रिपीट करते थे।’

उन्होंने आगे कहा, ‘एक दिन अरबाज मेरे पास आए और मुझसे कहा कि डैडी मैं क्रिकेट और सिंगिंग में किसे चुनूं। मैंने उनसे कहा क्रिकेट।’ उन्होंने मुझसे पूछा, ‘आपने मेरी बल्लेबाजी देखी है क्या। इस पर मैंने कहा नहीं मैंने तुम्हें गाते हुए सुना है।’ सलीम खान ने फिर सलमान की ओर से इशारा करते हुए कहा कि इन्हें क्रिकेट का शौक बिल्कुल भी नहीं है।

इस पर सलमान खान ने कहा, ‘डैड मुझे क्रिकेटर बनाना चाहते थे। उन्होंने मुझे सलीम दुर्रानी साहब की निगरानी में क्रिकेट खेलने को खार जिमखाना भेजा भी था।’ तभी सलीम खान ने सलमान को बीच में रोकते हुए कहा, ‘कोशिश तो यही की थी कि ये क्रिकेट खेलें। क्रिकेटर बनें। मगर कोई किसी को कन्वर्ट नहीं कर सकता। जिसकी किस्मत में जो है, जो जहां जाना चाहता है, वहां जाता है।’