एंटरटेनमेंट जगत का बड़ा नाम सिद्धार्थ शुक्ला छोटे (Siddharth Shukla) पर्दे के बड़े हीरो थे। मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ एक्टिंग में आए और लोगों के दिलों में छा गए थे। सिद्धार्थ शुक्ला में एक्टिंग के अलावा कई ऐसे गुण थे जो उन्हें सबसे अलग बनाते थे। वो अपने जीवन बहुत करना चाहते थे, लेकिन 2 सितंबर को उन्होंने मात्र 40 की उम्र में अलविदा कह दिया। ऐसे में उनकी कुछ ख्वाहिशें और सपने अधूरे ही रह गए। आइये जानते हैं कौन सी थी वो ख्वाहिशें।
सिद्धार्थ शुक्ला एक इंटीरियर डिजाइनर डिजाइनर बनना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने रचना संसद स्कूल ऑफ इंटीरियर डिजाइन’ से ग्रेजुएशन की डिग्री भी ली थी। उन्होंने कुछ दिन जॉब भी कि लेकिन फिर भी मॉडलिंग पर ध्यान देने लगे। इसके बाद उनका इंटीरियर डिजाइन का काम पीछे ही छूट गया।
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बेस्ट पापा बनने का सपना
दरअसल सिद्धार्थ ने बिग बॉस 14 के घर में गौहर खान और हिना खान को अपने इस सपने के बारे में बताया था। साथ ही एक इंटरव्यू में भी उन्होंने अपनी ये इच्छा जाहिर की थी। सिद्धार्थ ने कहा था कि वो अपने पिता के बेहद करीब थे और पिता की कमी उन्हें बहुत खलती है। वो अपने पिता की तरह ही पिता बनना चाहते हैं। अपने बच्चे को गोद में उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि जब भी वो पिता बनेंगे दुनिया के बेस्ट पापा होंगे।
शादी का ख्बाव भी रह गया अधूरा
सिद्धार्थ शुक्ला ने 40 साल की उम्र में भी शादी नहीं की थी, लेकिन कहा जा रहा था कि इस साल दिसंबर में वो गर्लफ्रेंड शहनाज गिल के साथ सात फेरे लेने वाले थे। दोनों का परिवार भी इस बात से सहमत था और शादी की प्लानिंग हो रही थी। इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि दोनों ने सगाई तक कर ली थी।
जिसके बाद परिवार वाले शादी के लिए होटल और बैंक्वेट हॉल की बुकिंग में जुटे थे। प्लान था कि दोनों की शादी के फंक्शन तीन दिन तक चलेंगे। इस बात की जानकारी उनके कुछ करीबी दोस्तों को थी। शादी की इस बात को काफी सीक्रेट रखा गया था।
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कई परोपकारी काम करना चाहते थे
सिद्धार्थ बहुत परोपकारी इंसान भी थे। उन्होंने कोविड के टाइम पर भामला फाउंडेशन के साथ जुड़कर जहां धारावी में 300 से ज्यादा लोगों को राशन बांटा था और वैक्सीनेश कैंप में सहायता की थी। इसके अलावा स्ट्रे डॉग्स का भी ख्याल रखा भामला फाउंडेशन के डायरेक्टर और यूथ हेड साहेर भामला ने बताया है कि वो 10 लाख रुपये फंडरेजर से इक्ट्ठा कर रहे हैं और सिद्धार्थ के नेक काम को आगे बढ़ाते हुए उनके नाम पर 5 अनाथ बच्चों को पढ़ाएंगे और उनका ध्यान रखेंगे। इसके अलावा मुंबई की सड़कों पर वॉलेंटियर तैयार किए जाएंगे जो स्ट्रे डॉग्स और कैट्स काय ध्यान रखेंगे।