वे 5 बातें जिनकी वजह से मिल सकती है आर्यन खान को जमानत? पहली है सबसे अहम्

क्रूज ड्रग्‍स केस में आर्यन खान की जमानत याचिका पर सेशंस अदालत में बुधवार को फैसला आने वाला है।

जस्‍ट‍िस वीवी पाटिल ने 14 अक्‍टूबर को सुनवाई के बाद मामले में फैसला सुरक्ष‍ित रख लिया था। शाहरुख खान के लाडले आर्यन को 2 अक्‍टूबर को एनसीबी ने हिरासत में लिया। 3 अक्‍टूबर को गिरफ्तार किया। फ‍िलहाल आर्यन, मुंबई के आर्थर रोड जेल में कैद हैं। NCB ने आर्यन खान पर एनडीपीएस ऐक्‍ट की धारा 8(c), 20(b), 27, 28, 29 और 35 लगाई है। अब सवाल उठता है कि क्‍या उन्‍हें जमानत मिल सकती है?

आर्यन खान के लिए कोर्ट में वरिष्‍ठ वकील अमित देसाई और सतीश मानश‍िंदे पैरवी कर रहे हैं, जबकि एनसीबी की तरफ से ASG अनिल सिंह और स्‍पेशल पब्‍ल‍िक प्रॉसिक्‍यूटर अद्वैत सेठना, एएम चिमालकर और वकील श्रीराम श‍िरसत जमानत का विरोध कर रहे हैं। जज वीवी पाटिल ने 14 अक्‍टूबर को हुई सुनवाई के बाद फैसला सुनाने के लिए 5 दिन का वक्‍त लिया। इसकी एक वजह जहां कोर्ट की छुट्टी थी, वहीं दोनों पक्षों के वकीलों ने कोर्ट के सामने कई पुराने मामलों का हवाला दिया था। ऐसे में उन सभी फैसलों को भी पढ़ने के लिए जज को वक्‍त चाहिए। आइए अब बारी-बारी गौर करते हैं उन प्रमुख बातों पर, जिससे प्रभावित होकर जज आर्यन को जमानत दे सकते हैं और खारिज भी कर सकते हैं।

सबसे पहले इन बातों पर गौर करते हैं जज
आम तौर पर आपराधिक मामलों में जमानत देने के लिए जज जिन बातों पर सबसे पहले ध्‍यान देते हैं, वह हैं, क्रिमिनल बैकग्राउंड, आरोपी की उम्र, सबूत के साथ छेड़छाड़ की संभावना या भविष्य में फिर से अपराध करने की संभावना। आर्यन के मामले की बात करें तो उन पर पहली बार इस तरह के आरोप लगे हैं। कथ‍ित तौर पर उन्‍होंने अपना फोन भी एनसीबी को बिना छेड़छाड़ के सौंप दिया था। साथ ही पिछली सुनवाई में आर्यन के वकील ने साफ शब्‍दों में कहा कि आर्यन सबूतों या गवाहों या आरोपियों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करने वाले हैं। हालांकि, यहां यह बात भी गौर करने वाली है कि यह मामला एनडीपीएस ऐक्‍ट का है, लिहाजा इसमें जमानत देने के लिए कई दूसरे कारणों पर भी गौर करना पड़ता है।

8 बातें, क्‍यों आर्यन खान को मिल सकती है जमानत

– आर्यन खान को एनसीबी ने जब हिरासत में लिया, तब उनके पास से कोई ड्रग्‍स या ऐसी कोई दूसरी चीज बरामद नहीं हुई। उन पर ड्रग्‍स के सेवन का आरोप है। लिहाजा, न तो आर्यन के पास बिक्री के लिए कोई ड्रग्‍स थे और न ही उन्‍होंने ड्रग्‍स की खरीद के लिए पैसे दिए।

– इस केस में अब तक जिन लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है, आर्यन उनमें से सिर्फ अरबाज मर्चेंट को जानते हैं। अरबाज उनके बचपन के दोस्‍त हैं और दोनों साथ ही क्रूज पर थे। इनके मुताबिक, ये क्रूज पर और किसी को नहीं जानते थे और दोनों ही पार्टी ऑर्गेनाइजर्स के इन्‍वाइट पर वहां पहुंचे थे। इसलिए यहां साजिश जैसी कोई बात नजर नहीं आती।

– मेट्रोपॉलिटन मजिस्‍ट्रेट ने आर्यन को 14 दिनों की न्‍याय‍िक हिरासत में भेजा है। कोर्ट ने एनसीबी की रिमांड नहीं बढ़ाई। इसका मतलब यह है कि कोर्ट भी यह मान रही है कि इस मामले में अब और पूछताछ की जरूरत नहीं है।

– NCB ने कोर्ट में आर्यन खान के इंटरनैशनल ड्रग्‍स तस्‍करी में शामिल होने के आरोप तो लगाए हैं, लेकिन एनडीपीएस ऐक्‍टर की धारा 27A के तहत केस दर्ज नहीं किया है।

– आर्यन की गिरफ्तारी के वक्‍त उनके अरेस्‍ट मेमो में धारा 29 का जिक्र नहीं है, जो ‘साजिश’ के लिए लगाया जाता है। हालांकि, एनसीबी अध‍िकारियों ने कोर्ट में तर्क दिया है‍ कि आर्यन के फोन की जांच के बाद इस तरह का लिंक सामने आया है कि वह ड्रग ट्रैफिकिंग का हिस्‍सा हो सकते हैं।

– गिरफ्तार हुए लोगों में अरबाज के एकमात्र दोस्‍त अरबाज मर्चेंट पर भी एनसीबी ने धारा 29 नहीं लगाई है।

– आर्यन के ख‍िलाफ आरोपों की अब तक की जांच में सिर्फ यही बात सामने आई है कि उन्‍होंने ड्रग्‍स का सेवन किया था। ऐसे मामलों में अध‍िकतम 1 साल कैद की सजा है। यह जमानती धारा है।

– एनडीपीएस ऐक्‍टर में ड्रग्‍स का सेवन करने वालों के लिए सुधार की बात कही गई है। ऐसे में आर्यन के वकीलों का यह तर्क भी जायज है कि कथ‍ित तौर ड्रग्‍स का सेवन करने वाले आर्यन को सुधारने की कोशिश करने की बजाय उन्‍हें बेवजह जेल में कैद करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में जब त‍क कि कथ‍ित ‘साजिश’ का खुलासा नहीं हो जाता, कानूनन उन्‍हें कैद करने का कोई मतलब नहीं बनता है। लिहाजा, आर्यन खान को जमानत दी जानी चाहिए।

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