इंग्लैंड के साउथैंप्टन में भारत और न्यूजीलैंड की टीमें आमने सामने हैं. जहां आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपिनयशिप का निर्णायक मुकाबला खेला जा रहा है. इस मैच में कीवी टीम का पलड़ा भारी नजर आ रहा है.
लेकिन 2 साल पहले 22 जून के दिन साउथैंप्टन के इसी मैदान पर भारतीय टीम ने एक हारे हुए मैच में बाजी पलट दी थी. मौका था 2019 के वर्ल्ड कप और सामने थी अफगानिस्तान की टीम. जिसने इस मैच में भारत को कड़ी टक्कर दी थी और जीत के काफी करीब तक पहुंच गई थी. वो तो भला हो तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का जिन्होंने हैट्रिक लेकर टीम इंडिया को जीत की मंजिल तक पहुंचा दिया.
इस मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. हालांकि अफगानिस्तान की कसी गेंदबाजी के आगे विराट कोहली की सेना 8 विकेट खोकर सिर्फ 224 रन ही बना सकी. इसमें सबसे ज्यादा 67 रन कप्तान कोहली ने ही बनाए. उन्होंने 63 गेंदों पर 5 चौके लगाए. उनके अलावा केदार जाधव भी अर्धशतक लगाने में सफल रहे. जाधव ने 68 गेंदों की पारी में 3 चौके और एक छक्का जड़ा. ओपनर केएल राहुल ने 53 गेंदों पर 30 रन बनाए तो एमएस धोनी ने 52 गेंदों पर 28 रन की धीमी पारी खेली. विजय शंकर के बल्ले से 41 गेंदों पर 29 रन निकले. अफगानिस्तान के लिए मोहम्मद नबी और गुलबदीन नईब ने दो-दो विकेट लिए तो राशिद खान को 10 ओवर में 38 रन खर्च करने के बाद एक विकेट मिला.
एकबारगी तो आफत आन पड़ी थी
लक्ष्य बड़ा नहीं था लेकिन भारतीय गेंदबाजी के सामने आसान भी नहीं रहने वाला था. ऐसे में अफगानिस्तान के बल्लेबाजों ने छोटा-छोटा योगदान देकर टीम को लक्ष्य के करीब पहुंचाया. इनमें मोहम्मद नबी ने 55 गेंदों पर 52 रन की पारी खेली तो रहमत शाह ने 63 गेंदें खेलकर 36 रन बनाने में सफलता हासिल की. कप्तान गुलबदीन नईब ने 27 रन ठोके. हशमतुल्लाह शाहिदी ने 45 गेंद पर 21 रन बनाए तो नजीबुल्लाह जादरान ने भी 23 गेंद पर 21 रन ही बनाए.
अब आखिरी तीन ओवर में अफगानिस्तान को 24 रन की जरूरत थी और उसके तीन विकेट शेष थे. तब मोहम्मद नबी 43 रन बनाकर खेल रहे थे. 48वें ओवर में मोहम्मद शमी ने सिर्फ तीन ही रन दिए और अब अफगानिस्तान के सामने दो ओवर यानी 12 गेंदों में 21 रन बनाने की चुनौती थी. 49वें ओवर में गेंद जसप्रीत बुमराह के हाथ में थी. बुमराह ने इस ओवर में पांच रन दिए और आखिरी ओवर में शमी के लिए बचाव के लिए 16 रन छोड़े.
अंतिम ओवर की छह गेंदों का रोमांच और 32 साल बाद रचा गया इतिहास
आखिरी ओवर की पहली गेंद पर मोहम्मद नबी ने चौका जड़ दिया. हालांकि दूसरी गेंद पर नबी कोई रन नहीं बना सके. मिडविकेट की ओर शॉट खेला जरूर लेकिन सिंगल नहीं लिया. क्योंकि अब जीत दिलाने की जिम्मेदारी उन्हीं पर थी. मगर शमी कुछ और ही सोच रहे थे. शमी ने तीसरी गेंद पर नबी को हार्दिक पंड्या के हाथों कैच करा दिया. इसके बाद बल्लेबाजी के लिए आए आफताब आलम को शमी ने पहली ही गेंद पर बोल्ड आउट कर दिया. अब वो हैट्रिक बॉल फेंकने जा रहे थे. ये गेंद उन्होंने यॉर्कर फेंकी और मुजीब उर रहमान के स्टंप बिखेर दिए. इसके साथ शमी ने टीम इंडिया को 11 रन से जीत दिलाई और हैट्रिक लेकर इतिहास भी रचा. 1987 में चेतन शर्मा के बाद से वर्ल्ड कप में हैट्रिक लेने वाले वो 32 साल में पहले भारतीय बने.