महाराष्ट्र की राजनीति के एक प्रमुख चेहरे और बॉलीवुड के दो बड़े सितारों, सलमान खान और शाहरुख खान की दुश्मनी को दोस्ती में बदलने वाले एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात बांद्रा में गोली मारकर हत्या कर दी गई. ये घटना उस समय हुई जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर में थे. हमलावरों ने उन पर कई राउंड फायरिंग की, जिसमें उन्हें सीने और पेट में गोलियां लगीं. गंभीर हालत में उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो हमलावरों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.
सलमान-शाहरुख की दुश्मनी खत्म करने वाले नेता
बाबा सिद्दीकी सिर्फ राजनीति के दिग्गज नहीं थे, बल्कि उन्होंने बॉलीवुड के दो सुपरस्टार्स, सलमान खान और शाहरुख खान के बीच लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी को भी खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी. साल 2008 में कटरीना कैफ की बर्थडे पार्टी में दोनों के बीच एक बड़ा झगड़ा हुआ था, जिसके बाद दोनों ने एक-दूसरे से बात तक करना बंद कर दिया था. इस झगड़े के बाद, सलमान और शाहरुख ने बड़े इवेंट्स में भी एक-दूसरे से दूरी बनाए रखी और उनके रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए.
लेकिन 2013 में बाबा सिद्दीकी ने अपनी मशहूर इफ्तार पार्टी में दोनों को आमंत्रित किया, जहां दोनों सितारे लंबे समय बाद एक-दूसरे से मिले. इस पार्टी में शाहरुख और सलमान ने गले मिलकर अपनी पांच साल लंबी दुश्मनी को खत्म कर दिया. यह पल बॉलीवुड और उनके फैन्स के लिए बेहद खास था, क्योंकि दोनों सुपरस्टार्स के बीच की दुश्मनी ने इंडस्ट्री में हलचल मचा दी थी. इस पार्टी के बाद से दोनों के बीच की कड़वाहट खत्म हो गई और अब दोनों एक-दूसरे के अच्छे दोस्त माने जाते हैं.
शाहरुख और सलमान का बॉन्ड
सलमान और शाहरुख की दोस्ती और दुश्मनी हमेशा से बॉलीवुड के चर्चित किस्सों में शामिल रही है. दोनों ने अपने करियर के शुरुआती दौर में साथ काम किया था और तब से उनके बीच दोस्ती रही थी. ‘करण अर्जुन’ जैसी फिल्मों में दोनों की ऑन-स्क्रीन जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया. हालांकि, 2008 के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए थे, लेकिन बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी ने दोनों को फिर से करीब ला दिया. अब दोनों एक-दूसरे की फिल्मों का प्रमोशन भी करते हैं और एक-दूसरे के इवेंट्स में भी नजर आते हैं.
बाबा सिद्दीकी का राजनीतिक करियर
बाबा सिद्दीकी ने अपने करियर की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की थी. वे बीएमसी में कॉरपोरेटर चुने गए और बाद में तीन बार बांद्रा वेस्ट से विधायक भी बने. साल 2004 से 2008 तक उन्होंने महाराष्ट्र में राज्य मंत्री के रूप में काम किया. उन्हें महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) के मुंबई डिवीजन का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था. इस साल फरवरी में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी (अजीत पवार गुट) का दामन थाम लिया था, जिससे उन्होंने 48 साल की कांग्रेस पार्टी की सदस्यता को अलविदा कहा था.
बाबा सिद्दीकी ने न केवल राजनीति में अपनी पहचान बनाई, बल्कि उन्होंने बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारों के बीच सुलह करवाने में भी अहम भूमिका निभाई. उनकी हत्या से राजनीतिक और फिल्मी दोनों ही जगत में शोक की लहर है.