इतिहास में पहली बार होगी चतुर्थकोणिय सीरीज, भारत-पाक, ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के बीच होगा घमासान, मास्टरप्लान तैयार

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष रमीज राजा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के बोर्ड की आगामी बैठक में भारत की मौजूदगी में चार देशों के टूर्नामेंट का प्रस्ताव रखने की तैयारी कर ली है लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के इस पर सहमति जताने की उम्मीद नहीं है. आईसीसी के मौजूदा नियमों के अनुसार एक सदस्य बोर्ड अधिकतम तीन देशों के टूर्नामेंट की मेजबानी कर सकता है क्योंकि तीन देशों से अधिक के टूर्नामेंट की मेजबानी का आधिकार सिर्फ वैश्विक संस्था को है.

PCB ने लगाया जोर
लेकिन रमीज के ‘श्वेत पत्र’ प्रस्ताव के अनुसार आईसीसी इस टूर्नामेंट का वार्षिक संचालन कर सकता है जिसके जरिए उसे मीडिया अधिकार और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों से 75 करोड़ डॉलर का संभावित राजस्व मिलेगा. चार देशों के इस टी20 सुपर लीग टूर्नामेंट के प्रस्ताव में भारत को चार प्रतिभागी देश में से एक के रूप में रखा गया है. रमीज ने 10 अप्रैल को आईसीसी बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को रखने की योजना बनाई है. प्रस्ताव के अनुसार भारत और पाकिस्तान के अलावा टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली अन्य टीम इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया हैं. अगर यह प्रस्ताव स्वीकार होता है तो एशियाई पड़ोसी देश वार्षिक टूर्नामेंट में शीर्ष स्तर पर भिड़ेंगे.

BCCI अभी भी नहीं है राजी
पत्र के अनुसार प्रतियोगिता का मेजबान चार प्रतिभागियों के बीच से रोटेशन के आधार पर चुना जाएगा. हालांकि पता चला है कि बीसीसीआई के इस टूर्नामेंट को स्वीकृति देने की संभावना नहीं है. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमारा भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) पूरी तरह से भरा हुआ है. इसके अलावा भी कई अन्य पहलू हैं और अब तक की स्थिति के अनुसार सिर्फ आईसीसी प्रतियोगिताओं में उनसे (पाकिस्तान) खेलने की नीति में कोई बदलाव नहीं है. साथ ही हमें नहीं लगता कि आईसीसी चार देशों के टूर्नामेंट के आयोजन के लिए तैयार होगा और राजा के प्रस्ताव को ठुकरा दिया जाएगा.’

सिर्फ आईसीसी टूर्नामेंट में होता है मुकाबला
भारत और पाकिस्तान 2012 से सिर्फ आईसीसी और एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के टूर्नामेंट में एक दूसरे से भिड़ रहे हैं. दोनों टीम के बीच सीमित ओवरों की पिछली सीरीज 2012 में हुई थी. बीसीसीआई सचिव जय शाह ने भी हाल में एक विदेशी समाचार एजेंसी को साक्षात्कार में कहा था कि बोर्ड का ध्यान अपनी द्विपक्षीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने पर है.

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