‘जूते तक खरीदने के नहीं थे पैसे, अमीर बच्चों को खेलता देख जाता था टूट’, अब IPL में खेलेगा मुजरबानी

आईपीएल 2022 के लिए लखनऊ सुपर जायंट्स ने जिम्बाब्वे के तेज गेंदबाज ब्लेसिंग मुजरबानी को अपने साथ जोड़ा है. आठ साल बाद जिम्बाब्वे का कोई क्रिकेटर आईपीएल का हिस्सा होगा. 25 साल के 6 फीट 6 इंच लंबे इस गेंदबाज का जीवन संघर्षों से भरा हुआ रहा है. ब्लेसिंग मुजरबानी का जन्म 10,000 से कम आबादी वाले मोज़ाम्बिक सीमा के निकट एक शहर मुरेवा में हुआ था.

मुरेवा एक पिछड़ा इलाका है जहां शिवाय खेती के और कुछ नहीं होता. बाद में उनका परिवार हाईफ़ील्ड चला गया था जो हरारे के उच्च घनत्व वाले उपनगरों में सबसे प्रसिद्ध है. ये वही जगह है जहां से पिछली पीढ़ी के कुछ बेहतरीन जिम्बाब्वे के क्रिकेटरों हैमिल्टन मसाकाद्ज़ा, तातेंडा ताइबू, वुसी सिबांडा और एल्टन चिगुंबुरा निकले हैं.

ब्लेसिंग मुजरबानी ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा था, ‘मुझे बहुत सारे अन्य बच्चों की तरह विशेषाधिकार प्राप्त नहीं था. जिनके पास अच्छे क्रिकेट मैदान और खेल खेलने वाले बहुत सारे दोस्त थे, बाद में जब मैं ट्रेनिंग लेना चाहता था, तो मैं एक मोबाइल फोन या अच्छे जूते भी नहीं खरीद सकता था. बस हरारे स्पोर्ट्स क्लब में यह देखने के लिए गया कि क्या मुझे गेंदबाजी करने का मौका मिल सकता है. मैं सिर्फ इसलिए गया क्योंकि मैं खेल को लेकर उत्सुक था.’

ब्लेसिंग मुजरबानी ने कहा, ‘पहली बार मेरे लिए उन हालातों में डूबना वास्तव में कठिन था, क्योंकि कभी-कभी आप अमीर बच्चों और गरीब बच्चों को एकसाथ खिलाया जाता है. एक बच्चे के रूप में यह आपको बहुत प्रभावित करता है. आप देखते हैं कि [अमीर बच्चे] किस तरह के जूते पहनते हैं. और आप भी उन्हें भी चाहते हैं. लेकिन, ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे मैं उन्हें खरीद सकूं. ऐसी कई छोटी-छोटी चीजें हैं जो कभी-कभी आपको असहज कर सकती हैं. आपके बचने का एकमात्र तरीका खेल के प्रति प्रेम है.’

ब्लेसिंग मुजरबानी जिम्बाब्वे के अन्य क्रिकेटरों की तरह नहीं थे जिन्होंने बेहतर अवसरों की तलाश में देश छोड़ दिया हो. उन्होंने कोलपैक डील से पहले केवल 14 एकदिवसीय मैच खेले थे. हीथ स्ट्रीक के बाद वह जिम्बाब्वे के सबसे तेज गेंदबाज के रूप में उभरे थे.

यह कहना मुश्किल है कि अगर हम (विश्व कप के लिए) क्वालीफाई करते तो मैं कोलपैक मार्ग पर जाता या नहीं. एक बच्चे के रूप में मैं हमेशा इंग्लैंड जाना चाहता था और काउंटी क्रिकेट खेलना चाहता था, यह सीखने के लिए कि गेंद को कैसे मूव करना है, गुड लेंथ में कैसे गेंदबाजी करनी है. जब मैं इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रहा था, मैं फुल गेंदबाजी करने के लिए संघर्ष कर रहा था.

ब्लेसिंग मुजरबानी ने आगे कहा था, ‘गेंदबाजी सुधारने का एकमात्र तरीका काउंटी क्रिकेट खेलना,वहां सीखना और एक बेहतर खिलाड़ी बनकर वापस आना था. अगर ब्रेक्सिट नहीं हुआ होता तो मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए वापस आने से पहले अपना तीन साल का करार खत्म करता. क्योंकि मैं सबसे अच्छा खिलाड़ी बनना चाहता था जो मैं हो सकता था.’

पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई सीरीज में ब्लेसिंग मुजरबानी सबसे घातक गेंदबाज बनकर उभरे थे. पाकिस्तान के दिग्गज बल्लेबाज बाबर आजम तक उनकी गेंदबाजी के सामने बेबस नजर आए थे. मुजरबानी ने बाबर आजम को तीन बार आउट भी किया था.

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