नसीरुद्दीन शाह ने इस्लाम में मार्डनाइजेशन की बात की है।
उनका कहना है कि इस्लाम में ट्रिपल तलाक जैसे संशोधन सही हैं। ‘द वायर’ के साथ इंटरव्य में नसीर ने कहा कि जिस तरह से हिंदू धर्म में सती प्रथा को बंद किया गय, वैसे ही इस्लाम में भी समय के साथ मार्डिफिकेशन किया जाना चाहिए।
नसीर ने कहा कि जब वह छोटे थे तो उनके वालिद उन्हें पांच टाइम की नमाज पढ़ने के लिए प्रेरित करते थे, लेकिन कभी उन्होंने जबरदस्ती नहीं की। वह बचपन में नमाज पढ़ते थे।
नसीर ने बताया कि वह अब नमाज नहीं पढ़ते। लेकिन जब मन व्यथित होता है तो कुछ आयते पढ़ते हैं।
नसरीरुद्दीन ने कहा कि हिंन्दुस्तान ऐसा मुल्क है जहां, शायद दुनिया भर से ज्यादा कुरान पढ़ा जाता है, लेकिन समझा कम जाता है।
नसरीरुद्दीन ने कहा था कि उन्होंने अपने बच्चों को कभी भी किसी धर्म से नहीं बांधा। वह सभी धर्मों को सामान्य रूप से मानते हैं।
इतना ही नहीं, नसरी ने बताया था कि उनकी रत्ना पाठक से शादी भी बिना किसी रस्म-रीति रिवाज के हुई थी।