कुछ कहानियां फिल्मी पर्दे पर सुपरहिट रही हैं खासकर अगर वो भारत और पाकिस्तान से जुड़ी हों. गदर, वीर-जारा जैसी तमाम फिल्मों के किरदार आज भी याद किए जाते हैं। अब सरहद पार कर एक मामला सामने आया जिसमें समझ नहीं आता कि इसे कहानी कहें या साजिश, इसकी शुरुआत पाकिस्तान के शहर कराची से होती है जब भारत में मोबाइल पर खेले जाने वाले गेम पबजी का जादू बच्चों में सिर चढ़कर बोल रहा था। कराची की एक तंग गली में रहने वाली सीमा इस खेल के दौरान ही नोएडा के रहने वाले सचिन के संपर्क में आई। आपको बता दें ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान ही सचिन और सीमा आपस में बात करने लगे। सीमा के मुताबिक उसे अब सचिन से बात करने की आदत लग चुकी थी। इसके बाद हजारों किलोमीटर दूरी कैसे मिटे इसके लिए दोनों ही प्लान बनाने लगे।
सीमा की मोहब्बत पर उठ रहे कई सवाल
अब सवाल उठता है कि क्या सीमा गुलाम हैदर सच में सिर्फ सचिन के प्यार में पाकिस्तान से नोएडा पहुंची थी या फिर वो कोई जासूस है। सचिन-सीमा की मोहब्बत ये कहानी अद्भुत है लेकिन मन में 5 सवाल भी उठते हैं। दरअसल, जब यह मामला दुनिया के सामने आया तब जांच के दौरान पुलिस को सीमा के पास से फर्जी आधार कार्ड मिले थे। इसी आधार कार्ड को एडिट कर इसमें सीमा को सचिन का पति बताया गया था। दूसरा सवाल, पुलिस को सीमा के पास से कई मोबाइल फोन भी मिले हैं। ये मोबाइल पूरी तरह से टूटे हुए हैं। एक फोन में तो पाकिस्तान का सिम भी लगा है। ऐसे में सवाल उठता है कि सीमा को इतने सारे फोन इस्तेमाल करने की जरूरत क्यों पड़ गई थी और अगर उन्होंने इन फोन का इस्तेमाल किया भी था तो इसे तोड़ा क्यों गया? इस लव स्टोरी में एक सवाल ये भी उठता है कि आखिर एक सामान्य सी महिला को पब्जी खेलने और उसके जरिए किसी से बात करने की समझ कहां से आई। सीमा और सचिन ने पुलिस को जो कहानी बताई है उससे ये तो साफ है कि सीमा को टेक्नोलॉजी और फोन का इस्तेमाल सही तरीके से कब और कैसे किया जाता है इसके बारे में बाखूबी पता है।
इन आरोपों पर सीमा ने कहा…..
सूत्रों के मुताबिक, इन आरोपों पर सीमा कहती हैं, “मैं कोई जासूस नहीं हूं। सचिन से प्यार के चक्कर में ही मैंने घर से बाहर घूमना शुरू किया। पासपोर्ट भी बनवाए। ऐसे हमारे यहां की लड़कियों को घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं होती.”सीमा आगे कहती हैं, ‘मैं एक गरीब परिवार की लड़की हूं, ज्यादा पढ़ाई लिखाई भी नहीं की है। हां मुझे थोड़े बहुत अंग्रेजी के शब्दों का ज्ञान है, लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है कि मुझे इंग्लिश आती है।