क्रिकेट में अब तक कई तरह के टूर्नामेंट शुरू किये जा चुके हैं.
जिनमें कुछ तो सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ते चले जाते हैं, वहीं कुछ टूर्नामेंट ऐसे होते हैं जो खिलाड़ियों के लिए घातक हो जाते हैं. ऐसा ही एक क्रिकेट टूर्नामेंट खेला गया था. जिसने खेल के साथ-साथ खिलाड़ियों करियर पर भी विराम लगाने का काम किया था. ऐसा ही एक क्रिकेट टूर्नामेंट हुआ था आईसीएल (ICL).
आईसीएल एक ऐसी लीग जिसमें बीसीसीआई और आईसीसी ने कभी भी खिलाड़ियों के शामिल होने से लेकर किसी भी हिस्से का समर्थन नहीं किया. आज हम आपको ऐसे ही क्रिकेटर्स के बारे में बताएंगे जिन्होंने इस लीग से जुड़कर करियर को खत्म कर लिया. आइए जानते हैं इनके बारे में-
1. आफताब अहमद
बांग्लादेश के खिलाड़ी आफताब अहमद जो कि बांग्लादेश टीम के लिए चमकते सितारे से कम नहीं थे. एकदिवसीय क्रिकेट में 19 साल की उम्र में पदार्पण करने वाला ये खिलाड़ी छोटी सी उम्र में ही विपक्षी टीमों के लिए घातक साबित हो गया. उन्होंने बांग्ला टीम के लिए 85 वनडे मैच, 16 टेस्ट और 11टी-20 मैच खेले.
बांग्लादशे क्रिकेट बोर्ड ने आईसीएल (ICL) में शामिल होने वाले बांग्लादेशी खिलाड़ियों पर 2008 में10 साल का प्रतिबंध लगाया. इस प्रतिबंध में आफताब भी शामिल थे. यहीं से इनका करिय़र समाप्त हो गया. अगर यह खिलाड़ी और खेलता तो निसंदेह ही बांग्लादेश का इतिहास बदल सकता था.
2. जस्टिन केंप
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान और विस्फोटक बल्लेबाज की भूमिका में निभाने वाले खत्म जिस समय आईसीएल में शामिल हुए, उस समय वह अपने करियर के शीर्ष पायदान पर थे.
लेकिन आईसीएल उनके लिए का’ल बनकर आया. इस बैन लीग का हिस्सा बनने के बाद वह राष्ट्रीय टीम में दोबारा कभी शामिल नहीं हो सके. अफ्रीकी टीम के लिए 85 वनडे मैच खेलने वाले केम्प पर आईसीएल (ICL) के बाद दो साल का प्रतिबंध लगा दिया गया. जिससे अपने कीमती दो साल खोने के बाद वह टीम में तो शामिल हुए|
3. रोहन गावस्कर
सुनील गावस्कर के छोटे बेटे रोहन ने जब क्रिकेट में पदार्पण किया, तो लोगों को एक आशा उम्मीद थी कि यह खिलाड़ी कुछ अच्छा जरूर करेगा. 2004 में आस्ट्रेलिया टीम के खिलाफ सीरीज में टीम में शामिल रहे, लेकिन रोहन कुछ खास नहीं कर सके. भारत के लिए मात्र 11 वनडे मैच खेलने वाले गावस्कर के नाम सिर्फ एक अर्धशतक दर्ज है.
4. मोहम्मद सामी (Mohammad Sami )
पाकिस्तान टीम के विस्फोटक बल्लेबाज के रुप में जाने जाने वाले मोहम्मद शमी अपनी तेज गेंदबाजी के लिए बहुत ही ज्यादा विख्यात थे. 2001 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने के बाद उन्होंने पूरे करियर के दौरान 220 विकेट हासिल किए. पाकिस्तान के लिए 36 टेस्ट, 87 वनडे और 7 टी 20 खेले हैं. आईसीएल (ICL) में शामिल होने के बाद वह टीम में नहीं खेल सके.
5. शेन बांड
वह कीवी गेंदबाज जिसको आईसीएल में शामिल होने के बाद देशद्रोही तक करार दिया गया था. 150 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड के साथ गेंदबाजी करने वाला यह गेंदबाज 18 टेस्ट मैच ही खेल सका. जिसमें उसके नाम 87 विकेट दर्ज हैं.
इस तूफानी गेंदबाज का नाम है शेन बांड ने कीवी टीम के लिए 82 वनडे मैचों में इन्होंने 147 विकेट भी हासिल किए हैं. यह खिलाड़ी भी जोश-जोश में चला गया था आईसीएल खेलने. हालांकि आईसीएल (ICL) में शामिल होने के बाद वह फिर कभी भी कीवी टीम में शामिल नहीं हो सके.