44 साल के हुए वसीम जाफ़र, दूसरे टेस्ट में ठोका था तिहरा शतक, टीम को चैंम्पियन बनाने के बाद नहीं ली फीस

भारतीय घरेलू क्रिकेट के दिग्‍गज वसीम जाफर (Wasim Jaffer) आज अपना 44वां जन्‍मदिन मना रहे हैं. जिस तरह इंटरनेशनल स्‍तर पर सचिन तेंदुलकर ने इस खेल में कई कीर्तिमान स्थापित किए, उसी तरह वसीम जाफर ने भी घरेलू क्रिकेट में कई रिकॉर्ड बनाए और तोड़े. जाफर हालांकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 33 ही मैच खेल पाए और उनका औसत करीब 34 का रहा.

जाफर रणजी ट्रॉफी में 11 हजार बनाने वाले पहले खिलाड़ी हैं. उन्‍होंने आज तक जितनी भी टीमों से रणजी ट्रॉफी का फाइनल खेला है, वो टीम चैंपियन बनी है. जाफर ने विदर्भ से खेलते हुए टीम को पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब दिलाया था. 16 फरवरी 1978 को मुंबई में जन्‍में जाफर 8 बार रणजी ट्रॉफी जीतने वाली मुंबई टीम का हिस्‍सा रहे और दो बार विदर्भ टीम का हिस्‍सा रहे.

दूसरे ही मैच में जड़ दिया था तिहरा शतक
उन्‍होंने अपने करियर के दूसरे ही फर्स्‍ट क्‍लास मैच में तिहरा शतक जड़ने के बाद साल 2000 में भारतीय क्रिकेट में जगह बना ली थी. उन्‍हें इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट में पहले श्‍तक के लिए 6 साल का इंतजार करना पड़ा था, मगर इसके बाद उन्‍होंने टेस्‍ट क्रिकेट में दोहरा शतक भी जड़ा था. पाकिस्तान के खिलाफ कोलकाता में जड़ा उनका दोहरा शतक आज भी फैंस को याद है.

जाफर ने विदर्भ को 2018 में पहली बार रणजी चैंपियन बनाया था. उन्‍होंने टीम को खिताब दिलाने के बाद मैच फीस नहीं ली थी. उनके नाम फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में 57 शतक हैं. वे सबसे अधिक रणजी मैच खेलने वाले खिलाड़ी भी हैं. 260 फर्स्‍ट क्‍लास मैचों में उन्‍होंने 19 हजार 410 रन बनाए, जिसमें 57 शतक और 91 अर्धशतक शामिल हैं. उनकी सर्वश्रेष्‍ठ पारी नाबाद 314 रन की रही. वे घरेलू क्रिकेट में जितने सफल रहे, उतने इंटरनेशनल क्रिकेट में सफल नहीं रहे. उनका टेस्‍ट करियर 31 मैचों का और वनडे करियर सिर्फ 2 मैचों का ही रहा.

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