इसके पहले भी मशहूर हस्तियों के सुसाइड करने की खबरें आती रही हैं. सुशांत सिंह राजपूत, प्रत्युषा बनर्जी, दिव्या भारती जैसे तमाम ऐसे सेलेब्स हैं जिनकी सुसाइड की खबर ने लोगों को सदमे में डाल दिया.
अब ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर इंसान के मन में सुसाइड का ख्याल किन कारणों से आता है और अगर किसी को ऐसे ख्याल आए तो वो क्या करें.
सुसाइड के पीछे डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर, पर्सनालिटी डिसऑर्डर, अचानक किसी घटना का मानसिक असर और तनाव जैसी कई स्थितियां हो सकती हैं.
सुसाइड का ख्याल क्यों आता है
इस समस्या से जूझने वाले लोग अक्सर उदास रहते हैं और उसके मन में हर समय नकारात्मक ख्याल आते रहते हैं. कई बार ये अपने आप को परिस्थितियों के सामने इतना असहाय महसूस करते हैं कि उनके मन में आत्महत्या का ख्याल आने लगता है
जरूरत से ज्यादा और बात-बात पर गुस्सा होना, हमेशा उदास रहना, मूड स्विंग होना, भविष्य को लेकर आशंकित रहना, नींद ना आना, ये सारे लक्षण बताते हैं कि व्यक्ति मेंटली रूप से परेशान है.
चेतावनी संकेत
मेडिकल न्यूज टुडे के मुताबिक, ‘डिप्रेशन, सुसाइड की फैमिली हिस्ट्री, क्रॉनिक पेन, पारिवारिक कलह, सेक्सुअल अब्यूज, फिजिकल अब्यूज के कारण लोगों को सुसाइड के ख्याल आ सकते हैं.’
आत्महत्या के बारे में सोचने वाले 50 से 75 फीसदी लोग इसका जिक्र अपने दोस्त या किसी रिश्तेदार से करते हैं. इसलिए अगर कोई आपको ऐसे संकेत देता है तो ध्यान से सुनें.
अमेरिकन फाउंडेशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन सलाह देता है कि अगर किसी के मन में सुसाइड के ख्याल आते हैं तो उसके साथ शांति से बात करना, उनकी केयर करना, बातों को गंभीरता से लेना, उनकी लाइफ की कीमत बताना, उनकी मदद करना, उनके साथ संपर्क में रहने से उन्हें इससे बचाया जा सकता है.
वाराणसी के गंगोश्री हॉस्पिटल के मस्तिष्क एवं मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप चौरसिया ने आत्महत्या के विचार क्यों आते हैं, सवाल पर कहा, ‘सुसाइड करने वाला व्यक्ति एक लंबे समय तक किसी न किसी प्रकार की दिमागी बीमारी या मानसिक परेशानी से जरूर ग्रसित होता है.’
क्या कहते हैं डॉक्टर
‘इनमें तीन-चार बातें हैं. पहली बात है सीवियर डिप्रेशन. अगर व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है, उसको अपनी जिंदगी बिल्कुल वर्थलेस दिखाई देने लगती है. उसे लगता है, उसका जीवन बिल्कुल खराब हो गया है और जीने का कोई मतलब नहीं है.’
‘दूसरा होता है, साइकोटिक डिसऑर्डर. इसका मतलब है कि व्यक्ति के कान में कुछ अलग टाइप की आवाजें आती हैं. व्यक्ति के मन में कुछ अलग अलग टाइप के विचार बन जाते हैं. इन आवाजों और विचारों की वजह से उसके मन में ऐसे विचार आने लगते हैं.’
‘तीसरी चीज होती है, इंपल्सिव बिहेवियर. इसका मतलब है कि लोग गुस्से में आकर अचानक से अपनी लाइफ को टर्मिनेट कर लेते हैं. अगर कोई ऐसा व्यक्ति है जो डिप्रेशन में है, गुस्सा कर रहा है, बहुत नशा कर रहा है. ऐसे लोगों के मन में भी सुसाइड के ख्याल आते हैं.’