RRR: जब जूनियर NTR के मु’स्लिम लुक पर मचा था ब’वाल, SS राजमौली ने बताई सच्चाई?

RRR के एक ‘विवादित’ प्रोमो में जूनियर एनटीआर को स्कल कैप पहने और सुरमा लगाए देखा गया था. जूनियर एनटीआर के इस मु’स्लि’म लुक को देखकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी. लोगों का कहना था राजामौली तथ्यों को गलत दिखा रहे हैं. हालांकि एसएस राजामौली ने इस विवाद पर कोई रिएक्शन नहीं दिया था. अब उन्होंने अपनी फिल्म से इस विवाद को खत्म कर दिया है.

एसएस राजामौली, जूनियर एनटीआर

डायरेक्टर एसएस राजामौली की फिल्म RRR लंबे इंतजार के बाद रिलीज हो गई है. फिल्म को बेहतरीन रिएक्शन पब्लिक और क्रिटिक्स से मिल रहा है. RRR के रिलीज होने से पहले इस फिल्म के चर्चे तो थे ही, साथ ही इसे लेकर विवाद भी छिड़े थे. साल 2020 में फिल्म के मेकर्स ने रामराजू फॉर भीम के नाम का टीजर रिलीज किया था. इस टीजर पर काफी विवाद खड़ा हो गया था. अब राजामौली ने अपनी फिल्म RRR की मदद से ही इस विवाद पर लगाम लगा दी है.

फिल्म के इस सीन पर शुरू हुआ था विवाद 

RRR के ‘विवादित’ प्रोमो में जूनियर एनटीआर को स्कल कैप यानी टोपी पहने और सुरमा लगाए देखा गया था. जूनियर एनटीआर के इस लुक को देखकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी. साथ ही मेकर्स को आगाह भी किया था. हालांकि एसएस राजामौली ने इस विवाद पर कोई रिएक्शन नहीं दिया था. अब उन्होंने अपनी फिल्म से इस विवाद को खत्म कर दिया है.

अब जब RRR रिलीज हो गई है तो ये विवाद बेकार साबित हो गया है. जूनियर एनटीआर ने इस फिल्म में कोमाराम भीम का किरदार निभाया है. भीम ने निजामों और ब्रिटिशर्स के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. इसके अलावा उन्होंने गोंड ट्राइब के लिए लड़ाई की थी. RRR के प्रोमो में जूनियर एनटीआर को स्कल कैप पहने और सुरमा लगाए देखा गया था. ऐसे में लोगों ने आपत्ति जताई कि राजामौली फिल्म में तथ्यों को गलत दिखा रहे हैं. इसके खिलाफ आवाज भी उठी थी. तेलेंगाना के बंदी संजय ने राजामौली को सीन हटाने के लिए कहा था. लेकिन अब अपनी फिल्म से राजामौली ने सभी के मुंह बंद कर दिए हैं.

राजामौली की फिल्म है काल्पनिक

RRR के स्क्रीनराइटर विजयेंद्र प्रसाद ने कोमाराम भीम के मुस्लिम अवतार धारण करने के कारण को बताया था. विवादों से दूर रहते हुए फिल्म की टीम ने अपनी शूटिंग जारी रखी और विवादित सीन को भी नहीं हटाया था. कई इंटरव्यू में राजामौली ने इस बात को साफ कर दिया था कि वह कोमाराम और रामराजू के जीवन की कहानी पर फिल्म नहीं बना रहे हैं. बल्कि उनकी फिल्म की कहानी काल्पनिक है.

असल में ये था सीन 

फिल्म में जूनियर एनटीआर का किरदार कोमाराम भीम गोंड ट्राइब का रक्षक है. ब्रिटिशर्स जबरदस्ती उसके गांव के एक बच्चे को ले जाते हैं. ऐसे में भीम दिल्ली चला जाता है. वहां वो एक मुस्लिम परिवार के साथ भेष बदलकर रहता है. ऐसे में भीम को कई बार स्कल कैप पहने देखा गया है. फिल्म के एक सीन में जूनियर एनटीआर को मुस्लिम परिवार का शुक्रिया करते और उन्हें सपोर्ट करने के लिए शुक्रिया कहते हुए भी दिखाया गया है. फिल्म में जब भीम परेशानी में भी होता है तो भी उस परिवार पर आंच नहीं आने देता बल्कि अपनी जी-जान लगाकर उनकी रक्षा करता है. और इसी के साथ राजामौली ने साबित कर दिया कि उनकी फिल्म के सीन पर हुआ विवाद एकदम फालतू था.

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