साल 1997 में एक फिल्म आई थी जिस फिल्म का टाइटल था राजा की आएगी बारात यह वही फिल्म थी जिस फिल्म के जरिए एक टैलेंटेड अभिनेत्री उर्फ रानी मुखर्जी का आगाज हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में होता है साथ ही इसी फिल्म के जरिए एक और महा फ्लब स्टार बॉलीवुड डेब्यू करता है यह थे शादाब खान जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि बॉलीवुड के खल नायकों में से एक अमजद खान के सुपुत्र थे शादाब खान और पिता के रसू का फायदा उठाते हुए उन्हें राजा की आएगी बारात में बतौर लीड एक्टर साइन किया गया था लेकिन पहली फिल्म के ट हो जाने के बाद वह कभी भी आने वाले समय में खुद को स्थापित नहीं कर पाए राजा की आगी बारात की बात करें तो यह फिल्म ठीक-ठाक रही लेकिन सबके बावजूद जहां एक तरफ रानी मुखर्जी को नई दिशा और दशा दोनों मिल गई वहीं शताब्दी मुखर्जी की महा फ्लॉप ऑन स्क्रीन पति सात फिल्मों कर कहां गायब हो गए और एक गलती कैसे उन पर भारी पड़ी जैसे कि हम सभी जानते हैं कि 1997 में जब राजा की आएगी बारात से अपना पहला कदम रानी मुखर्जी ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में था.
तो फिल्म को अशोक गायकवाड़ ने डायरेक्ट किया था अच्छी कहानी और शानदार गानों से भरी यह बॉलीवुड की फ्लॉप फिल्मों की लिस्ट में शामिल है रानी की पहली फिल्म बॉक्सेस पर कमाल नहीं कर पाई लेकिन इस फिल्म में रानी के शानदार एक्टिंग कर दर्शकों का दिल जीत लिया था राजा की आईगी बारात फिल्म से बॉलीवुड में एक और एक्टर ने कदम रखा था जो फिल्म में रानी मुखर्जी के पति का रोल निभाकर काफी मशहूर हो गया था वो एक्टर कोई मामूली एक्टर नहीं था उस एक्टर का नाम था शादाब खान शादाब खान फिल्म में रानी के पति का रोल निभाए थे हालांकि इस फिल्म के बाद उनका करियर हमेशा हमेशा के लिए डूब गया बतौर कलाकार वह कभी भी सफल ना हो पाए शताब्दी अमजद खान के सुपुत्र थे.
अमजद खान का बॉलीवुड में बड़ा नाम था वह अपने शानदार डायलॉग डिलीवरी और एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीत लिए थे और अपने पिता के रसूख का फायदा उठाते हुए शादाब खान को इतनी बड़ी फिल्म में काम करने का मौका मिला था शादाब खान ने अपने पिता की तरह एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने का फैसला किया था लेकिन महज कुछ ही फिल्मों में काम करने के बाद उन्होंने हमेशा हमेशा के लिए एक्टिंग को अलविदा कह दिया आइए चले जा कि आखिर उनसे क्या गलती होगी इस फिल्म की अगर बात करें तो इस फिल्म के असफल के बाद शादाब खान की दूसरी फिल्म बेताब आई थी इसमें उन्होंने चंद्रचूर सिंह और अरशद वारसी के साथ सपोर्टिंग रोल किया लेकिन इस फिल्म में उनका ध्यान किसी पर भी नहीं किया बताना चाहेंगे कि शादाब ने टोटल सात फिल्मों बतौर एक्टर काम किया पहली फिल्म में बतौर लीड एक्टर काम करने के बाद उन्हें जो भी फिल्में मिली उनमें बतौर सपोर्टिंग एक्टर ही काम मिला है इस लिस्ट में कई सारी फिल्में शामिल रही जो फिल्में में कब आई और कब चलेगी यह किसी को पता ही नहीं चला.
लेकिन शादाब ने बतौर एक्टर फिल्मों में रहे लेकिन वह बतौर लेखक में काफी फेमस है बतौर राइटर उनकी शांति मेमोरियल और नाम की दो उपन्यास बहुत सक्सेसफुल रही उन्होंने कुछ फिल्मों की स्क्रिप्ट लिख थी जिसकी वजह से वो काफी ज्यादा लोकप्रिय हुए लेकिन एक इंटरव्यू के दौरान शादाब खान ने अपने करियर को लेकर अफसोस भी जताया था इस दौरान उन्होंने कहा था कि उन्हें रानी मुखर्जी के साथ फिल्म राजा की आई गई बारात से डेब्यू नहीं करना चाहिए था इसके पीछे उन्होंने रीजन बताया इस पर उनका कहना था क्योंकि उन दिनों में बहुत छोटा था और मेरा वजन 145 किलो का था वजन कम करने के तुरंत बाद मैंने यह फिल्म साइन की और इस फिल्म में मैं बहुत चिड़चिड़ा दुबला पतला और अजीब सा लग रहा था जबकि बॉलीवुड एक्टर विनोद खन्ना ने जब मेरी फोटो मैगजीन के कवर पेज पर देखी तो व चाहते थी कि मैं हिमालय पुत्र फिल्म से डेब्यू करूं लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मुझे राजा की आगे बारात करनी पड़ी जो कि मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती थी शादाब खान का मानना है कि अगर मैं इस फिल्म के साथ बतौर लीड एक्टर डेब्यू नहीं किया होता तो शायद आज मेरा करियर कुछ और ही होता.